डॉ अरविंद ओत्ता (पीएचडी) एक प्रख्यात स्वर्ण पदक धारक भारतीय मनोवैज्ञानिक हैं और भारत में लोकप्रिय मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों में से एक हैं जिन्होंने मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता की दिशा में बहुत योगदान दिया है। वह समाज में मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए समाज में जागरूकता फैलाने की दिशा में काम कर रहे हैं और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बात करने के लिए हमारे समाज को एक आरामदायक जगह बनाने की दृष्टि से दूसरों के साथ अपने अनुभव को साझा करने के साथ मानसिक स्वास्थ्य के बेहतरी के लिए समर्पित है ।
डॉ. ओत्ता ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया से मनोविज्ञान में स्नातक किया, फिर उन्होंने मनोविज्ञान में परास्नातक किया। सीआईपी से क्लिनिकल साइकोलॉजी में एम.फिल. पूरा करने के बाद अंबेडकर यूनिवर्सिटी से साइकोलॉजी में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की।
डॉ. ओत्ता ने एसपीएम कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय के साथ "सर्टिफिकेट कोर्स इन काउंसलिंग एंड साइकोथेरेपी" सहित विभिन्न पाठ्यक्रमों को डिजाइन करने में योगदान है। उन्होंने साइकोपैथोलॉजी और साइकोएजुकेशन के क्षेत्र में उद्यमिता भी शुरू की। करीब पांच सौ मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर डॉ. ओत्ता के साथ जुड़कर काम कर रहे हैं।
डॉ ओत्ता ने 3000 से अधिक छात्रों को सफल मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर बनने में मदद की है। डॉ. ओत्ता के दूरद्रष्टता ने भारत में मानसिक स्वास्थ्य समस्या के जागरूकता तथा व्याप्त अंधविश्वास को ख़त्म करने के उद्देश्य से भारत की एकमात्र मानसिक स्वास्थ्य-आधारित प्रिंट पत्रिका, साइकोलॉग्स पत्रिका की उत्पत्ति हुई। मनोवैज्ञानिकों ने डॉ. ओत्ता की देखरेख में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए हैं। पत्रिका हर महीने 90,000+ से अधिक पाठकों तक पहुंचती है। लोगों को बड़े पैमाने पर जोड़ना, जागरूकता फैलाना और उन्हें मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में शिक्षित करना और उन्हें सामाजिक कलंक के खिलाफ खड़े होने और वर्जनाओं को तोड़ने के लिए प्रेरित करना, पत्रिका का मुख्य लक्ष्य है। उन्होंने कुछ निम्नलिखित प्रसिद्ध सदस्यों के साथ साइकोलॉग्स पत्रिका में प्रधान संपादक की जिम्मेदारी निभा रहे हैं;
गोपा भारद्वाज, पूर्व एचओडी और सामाजिक विज्ञान के डीन, दिल्ली विश्वविद्यालय; सी.आर. मुकुंदन, पूर्व विभागाध्यक्ष, निमहंस;
उदय के सिन्हा अतिरिक्त प्रोफेसर और एचओडी, आईएचबीएएस दिल्ली;
जय प्रकाश पूर्व विभागाध्यक्ष, क्लिनिकल साइकोलॉजी, रिनपास;
वीरेंद्र प्रताप यादव, विभागाध्यक्ष मनोविज्ञान विभाग, एसपीएम कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय।
डॉ. ओत्ता विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं, जहां दुनिया भर के पेशेवर एक मंच पर एक साथ आते हैं और विभिन्न विषयों पर बात करते हैं। उनके कार्य से भारत में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के सुधार के लिए आवश्यक जानकारी तथा संसाधनों लोगो तक पहुँच रहा है।
उन्होंने मनोविज्ञान और मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में विभिन्न पुस्तकें लिखी हैं:
अवधारणात्मक प्रक्रियाएं (आईएसबीएन: 978-93-91724-30-6) (अंग्रेजी)
बायोसाइकोलॉजी - प्रमुख बिंदु 2022 संस्करण (978-93-91724-69-6) (अंग्रेजी)
नैदानिक मनोविज्ञान में एम.फिल (978-81-93818-61-9)(अंग्रेजी)
बचपन में अवसाद (978-93-91724-36-8)(अंग्रेजी) (हिंदी)
किशोरावस्था में सोशल मीडिया की लत (978-93-91724-54-2) (अंग्रेजी) (हिंदी)
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